एक मूर्ख भालू की कहानी |Bedtime Stories For Kids | Hindi Story
एक बार एक जंगल में एक लालची भालू🐻रहता था | वह हर समय ज्यादा भोजन की तलाश में रहता था | थोड़े से भोजन में वह कभी संतुष्ट नहीं होता था एक दोपहर जब वह सो कर उठा, तो उसे ज़ोरों की भूख लग आई. वह भोजन की तलाश में जंगल में निकल पड़ा|
उस दिन मौसम साफ़ था सुनहरी धूप 🌞खिली हुई थी भालू ने सोचा, कितना अच्छा मौसम है इस मौसम में तो मुझे मछली पकड़नी चाहिए।चलो, आज मछली की ही दावत की जाए।
ये सोचकर उसने नदी की राह पकड़ ली। नदी किनारे पहुँचकर भालू ने सोचा कि एक बड़ी मछली हाथ लग जाये, तो मज़ा आ जाये। उसने पूरी उम्मीद से नदी में हाथ डाला और एक मछली उसके हाथ आ गई। वह बहुत ख़ुश हुआ। लेकिन, जब उसने हाथ नदी से बाहर निकला, तो देखा कि हाथ लगी मछली छोटी सी है।
वह बहुत निराश हुआ। अरे इससे मेरा क्या होगा? बड़ी मछली हाथ लगे, तो बात बने। उसने वह छोटी मछली वापस नदी में फ़ेंक दी और फिर से मछली पकड़ने तैयार हो गया।
वह बार-बार नदी में हाथ डालकर मछली पकड़ता और हर बार उसके हाथ छोटी मछली लगती। वह बड़ी की आशा में छोटी मछली वापस नदी में फेंक देता। ऐसा करते-करते बहुत देर हो गई और उसके हाथ एक भी बड़ी मछली नहीं लगी।
और इस तरह बार बार छोटी मछलीया आती रही लेकिन भालू लो बड़ी मछली नहीं मिल सकी वो उन सब छोटी मछलियों को निकाल कर वापस पानी में डाल देता और इस बात का लालच करता रहता की बड़ी मछली मिलेगी और उसको ही खाएगे ।
देखते ही देखते शाम हो गयी और उसको एक भी मछली नहीं मिली । भूख के मारे उसका बुरा हाल हो गया। वह सोचने लगा कि बड़ी मछली के लिए मैंने कितनी सारी छोटी मछलियाँ फेंक दी. उतनी छोटी मछलियाँ एक बड़ी मछली के बराबर हो सकती थी और मेरा पेट भर सकता था।
सिख ---- दोस्तों इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है की हमे कभी भी लालच नहीं करना चाहिए,जो कुछ समय पर मिल जाए उसमे खुश रहना चाहिए ।
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