एक गरीब किसान और उसके बेटे की कहानी | Hindi story |

                  एक गरीब किसान की कहानी

 एक बार एक गरीब किसान था उसके चार बेटे थे। वो चारो बहुत निकम्मे और इतने आलसी थे की बस सारे दिन घर में पड़े रहते और एक-दूसरे से झगड़ा करते रहते थे चारो में बिलकुल भी एकता नहीं थी किसान इस बात से बहुत परेशान रहता था की किसी दिन दूसरे लोग इनकी दुश्मनी का फायदा न उठा ले किसान के पास अपने घर का गुजारा करने का एक मात्र साधन था उसकी खेती ।वह सारे दिन अपने खेत में काम करता रहता।
किसान के चारो बेटे आपस में हमेशा लड़ते रहते थे।वे एक-दूसरे के पास खड़े होना तक पसंद नहीं करते थे।किसान को उनकी बड़ी चिंता रहती थी। एक दिन किसान बीमार पड गया बिस्तर में पड़े पड़े उसने एक योजना बनाई उसनेअपने बेटों को सबक सिखाने का निश्चय किया।एक दिन उसने चारों बेटों को बुलाया और लकड़ियों का एक गट्ठर देकर उनसे इसे तोड़ने को कहा।प्रत्येक बेटे ने पूरा बल लगाकर देख लिया लेकिन कोई भी उस गट्ठर को नहीं तोड़ पाया।
अब किसान ने लकड़ी का गट्ठर खोल दिया और चारों को एक-एक लकड़ी थमा दी।किसान ने अब अपने बेटों से उन लकड़ियों को तोड़ने को कहा।चारों लड़कों ने आसानी से अपने-अपने हाथ की लकड़ी तोड़ दी।किसान ने अपने बेटों से कहा, "मेरे बेटो।मैं चाहता हूँ कि तुम इससे सबक सीखो।जब लकड़ियाँ साथ में थीं तो उन्हें कोई नहीं तोड़ पाया।जब उन्हें अलग-अलग कर दिया तो तुम सबने उन्हें तोड़ दिया।तुम लोग भी इन्हीं लकड़ियों की तरह हो।अगर एकजुट रहोगे तो तुम्हें कोई हानि नहीं पहुंचा सकेगा। वह बात उन चारो भाइयो को अच्छे से समझ में आ गयी और चारो भाई एक साथ हसी ख़ुशी के साथ रहने लगे

 महत्व ---   एकता में ही बल होता है💪।

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